Feb 10, 2013

प्र . कोग्रेस का चुनाव चिन्ह "हाथ" क्यों है।..

प्र . कोग्रेस का चुनाव चिन्ह "हाथ" क्यों है।
उ . ये बताने के लिए की भारतियों का भाग्य एक ही परिवार के हाथ में रहेगा।
प्र . डीएमके का चुनाव चिन्ह "सूर्य" क्यों है।
उ . ताकि करूणानिधि के कमरे में आप काला चश्मा पहन के जाए।
प्र . लालू का चुनाव चिन्ह "लालटेन "क्यों है
... उ . बचा हुआ चारा तलाश करने के लिए।
प्र . शिवसेना का चुनाव चिन्ह "तीर कमान" क्यों है।
उ . ये नहीं बताऊंगा भाई मेरी सुरक्षा का सवाल है।

Feb 2, 2013

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एक छोटा सा लड़का जिस की उम्र कोई 6 या 7 साल थी. एक खिलोने की दूकान ....

एक छोटा सा लड़का जिस की उम्र कोई 6 या 7
साल थी. एक खिलोने की दूकान पर खड़ा दुकानदार
से कुछ बात कर रहा था, दुकानदार ने न जाने उससे
क्या कहा की वो वह से थोडा सा दूर हट गया और
वहां से खड़े खड़े वो कभी दुकान पर रखी एक सुन्दर
सी गुडिया को देखता और कभी अपनी जेब में हाथ
डालता. वो फिर आँख बंद करके कुछ सोचता और
फिर दुबारा गुडिया को देखने और अपनी जेब टटोलने
का क्रम दुहराने लगता.
वही कुछ दूर पर खड़ा एक आदमी बहुत देर से
उसकी और देख रहा था. वो आदमी जैसे ही आगे
को बढ़ा वो बच्चा दुकानदार के पास गया और कुछ
बोला फिर दुकानदार की आवाज सुने
पड़ी की नहीं तुम ये गुडिया नहीं खरीद सकते
क्योकि तुम्हारे पास जो पैसे है वो काफी कम है.
.
वो बच्चा उस आदमी की और मुड़ा और उसनेउस
आदमी से पूछा अंकल क्या आपको लगताहै की मेरे
पास वास्तव में कम पैसे है. उस आदमी ने पैसे गिने
और बोला हां बेटा ये वास्तव में कम है. तुम इतने
पैसो से वो गुडिया नहीं खरीद सकते. उसलड़के ने
आह भरी और फिर उदास मन से उस गुडिया को घूरने
लगा.
अब उस आदमी ने उस लड़के से पूछा ” तुम ये
गुडिया ही क्यों लेना चाहते हो”. लड़के ने उत्तर
दिया ये गुडिया मेरी बहिन को बहुत पसंद है. और में
ये गुडिया उसको उसके जन्मदिन पर गिफ्ट
करना चाहता हु. मुझे ये
गुडिया अपनी माँ को देनी है, ताकि वो ये
गुडिया मेरे बहिन को दे दें जब वो उसके पास जाये.
.
उस आदमी ने पूछा कहा रहती है तुम्हारी बहिन.
छोटा लड़का बोला मेरे बहिन भगवान के पास
चली गयी है. और पापा कहते है
जल्दी ही मेरी माँ भी उससे मिलने भगवान के पास
जाने वाली है. और मै चाहता हु की मेरी माँ जब
भगवान के पास जाये तो वो ये गुडिया मेरी बहीन के
लिए ले जाये. उस आदमी की आखों से आंसू छलकने
लगे थे. पर लड़का अभी बोल ही रहा था.
.
वो कह रहा था की मै पापा से
कहूँगा की वो माँ को कहे की कुछ और तक दिन
भगवान के पास न जाये. ताकि मै कुछ और पैसे
जमा कर लूँ और ये गुडिया ले कर अपनी बहिन के
लिए भेज दू. फिर उसने अपनी एक फोटो जेब से
निकली इस फोटो में वो हँसता हुआ बहुत सुन्दर दिख
रहा था.
.
फोटो दिखाकर वो बोला ये फोटो भी मै
अपनी माँ को दे दूंगा, ताकि वो इसे भी मेरी बहिन
को दे ताकि वो हमेशा मुझे याद रख सके…………. मै
जानता हु की मेरी माँ इतनी जल्दी मुझे छोड़ कर
मेरी बहिन से मिलने नहीं जाएगी. लेकिनपापा कहते
है की वो 2 -1 दिन में चली जाएगी.
उस आदमी ने झट से अपनी जेब से पर्स निकला और
उसमे से एक 100 रुपए का नोटनिकल कर
कहा……….. लाओ अपने पैसे दो मै दुकानदार से
कहता हु शायद वो इतने पैसे में ही दे दे. और उसने उस
लड़के केसामने रुपये गिनने का अभिनय किया और
बोला…….. अरे तुम्हारे पास तो उस
गुडिया की कीमत से अधिक पैसे है. उस लड़के ने
आकाश की और देख कर कहा भगवान
तेरा धन्यवाद….
.
अब वो लड़का उस आदमी से बोला कल रात को मैंने
भगवान से कहा था की हे भगवानमुझे इतने पैसे दे
देना की मै वो गुडिया ले सकू. वैसे मै एक सफ़ेद
गुलाबभी लेना चाहता था किन्तु भगवान से
ज्यादा मांगना मुझे ठीक नहीं लगा. पर उसने मुझे
खुद ही इतना दे दिया की मै गुडिया और गुलाब
दोनों ले सकता हु. मेरी माँ को सफ़ेद गुलाब बहुत
पसंद है.
उस आदमी की आँखों से आंसू नीचे गिरने लगे. फिर
उसने उन्हें संभलते हुए उस लड़के से कहा ठीक है बच्चे
अपना ख्याल रखना. और वो वहा से चला गया.
रस्ते भर उस आदमी के दिमाग मै
वो लड़का छाया रहा. फिर अचानक उसे 2 दिन पहले
अख़बारमै छपी खबर याद आयी जिस में एक
हादसा छपा था की किसी युवक ने शराब के नशे में
एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मार दी.
गाड़ी में सवार एक लडकी की मौके पर ही मौत
हो गयी और महिला गंभीर रूप से घायल थी. अब
उसके मन में सवाल आया कही ये उस लड़के
की माँ और बहिन ही तो नहीं थे.
अगले दिन अख़बार में खबर आयी की उस
महिला की भी मौत हो गयी है.
वो आदमी उसमहिला के घर सफ़ेद गुलाब के फूल ले कर
गया. उस महिला की लाश आँगन में
रखी थी.उसकी छाती पर वो सुन्दर
सी गुडिया थी जो उस लड़के ने ली थी और उस
महिला के एकहाथ में उस लड़के की वो फोटो थी और
दुसरे में वो सफ़ेद गुलाब का फूल था.
वो आदमी रोता हुआ बाहर निकला. उसके मनमै एक
ही बात थी एक शराब के नशे मै चूरएक युवक के कारन
एक छोटा सा बच्चा अपनी माँ और बहिन से दूर
हो गया जिन्हें वो बहुत प्यार करता था. इस
कहानी को पढ़कर और इस समय लिखते हुए भी मेरे
आँखों मै भी पानी है. और शायद आपकी आँखों में
भी आ जाये मगर उसपानी को आँशु मत समझ लेना.
वो पानी बेशक नमकीन हो सकता है जैसे आँशु होते
है. पर वो आँशु नहीं होंगे.
अगर ये कहानी पढने के बाद आपकी आँखों में आँशु
आते है जो आपको बदलने को मजबूर कर दे
तो ही उनको आँशु
मानना नहीं तो वो पानी ही होगा.और अगर
आपकी आँखों में वास्तव में आँशु है
पानी नहीं तो प्रण करे की आजके बाद कभी न
तो शराब पी कर गाड़ी चलाएंगे, न कानो में एयर
फ़ोन लगा कर गाने सुनते हुए गाडी मोटर साइकिल
या कोई वाहन चलाएंगे न गाड़ी चलते समय फ़ोन पे
बात करेंगे ना ही कभी तेज़ रफ़्तार में
गाड़ी चलाएंगे.

एक रोटी की कहानी...

डाइनिंग टेबल पर खाना देखकर
बच्चा भड़का
...
फिर वही सब्जी,रोटी और दाल में
तड़का....?

मैंने कहा था न कि मैं
पिज्जा खाऊंगा

रोटी को बिलकुल हाथ
नहीं लगाउंगा

बच्चे ने थाली उठाई और बाहर
गिराई.......?
-------

बाहर थे कुत्ता और आदमी
दोनों रोटी की तरफ लपके .......?

कुत्ता आदमी पर भोंका

आदमी ने रोटी में खुद को झोंका

और हाथों से दबाया
कुत्ता कुछ भी नहीं समझ पाया

उसने भी रोटी के दूसरी तरफ मुहं
लगाया दोनों भिड़े
जानवरों की तरह लड़े

एक तो था ही जानवर,

दूसरा भी बन गया था जानवर.....

आदमी ज़मीन पर गिरा,

कुत्ता उसके ऊपर चढ़ा

कुत्ता गुर्रा रहा था
और अब आदमी कुत्ता है
या कुत्ता आदमी है कुछ
भी नहीं समझ आ रहा था

नीचे पड़े आदमी का हाथ लहराया,

हाथ में एक पत्थर आया

कुत्ता कांय-कांय करता भागा........

आदमी अब जैसे नींद से जागा हुआ खड़ा

और लड़खड़ाते कदमों से चल पड़ा.....

वह कराह रहा था रह-रह कर
हाथों से खून टपक रहा था
बह-बह कर आदमी एक झोंपड़ी पर पहुंचा.......

झोंपड़ी से एक बच्चा बाहर आया और
ख़ुशी से चिल्लाया

आ जाओ, सब आ जाओ
बापू रोटी लाया, देखो बापू
रोटी लाया, देखो बापू
रोटी लाया.........!!!

आइये हम आपको कुछ मजाकिया परिभाषा बताते हैं जिसे पढ़ कर आपको हंसी जरुर आएगी...

1. बीबी : वह स्त्री, जो शादी के बाद कुछ सालों में टोक-टोक कर आपकी सारी आदतें बदल दे और फिर कहे कि आप कितना बदल गए हैं।

2. कार्यालय : वह स्थान जहां आप घर के तनावों से मुक्ति पाकर विश्राम कर सकते हैं।
...
3. समिति : ऐसे व्यक्ति जो अकेले कुछ नहीं कर सकते, परंतु यह निर्णय मिलकर करते हैं कि साथ साथ कुछ नहीं किया जा सकता।

4. श्रेष्ठ पुस्तक : जिसकी सब प्रशंसा करते हैं परंतु पढ़ता कोई नहीं है।

5. परम आनंद : एक ऐसी अनुभूति जब आप अनुभव करते हैं कि आप एक ऐसी अनुभूति को अनुभव करने जा रहे हैं जो आपने पहले कभी अनुभव नहीं की है।

6. कान्फ्रेन्स रूम : वह स्थान जहां हर व्यक्ति बोलता है, कोई नहीं सुनता है और अंत में सब असहमत होते हैं।

7. समझौता : किसी चीज को बांटने का वह तरीका जिसमें हर व्यक्ति यह समझता है कि उसे बड़ा हिस्सा मिला।

8. अधिकारी : वह जो आपके पहुंचने के पहले ऑफिस पहुंच जाता है और यदि कभी आप जल्दी पहुंच जाएं तो काफी देर से आता है।

9. व्याख्यान : सूचना को स्थानांतरित करने का एक तरीका जिसमें व्याख्याता की डायरी के नोट्स, विद्यार्थियों की डायरी में बिना किसी के दिमाग से गुजरे पहुंच जाते हैं।

10. अपराधी : दुनिया के बाकी लोगों जैसा ही मनुष्य, सिवाय इसके कि वह पकड़ा गया है।

11. कंजूस : वह व्यक्ति जो जिंदगी भर गरीबी में रहता है ताकि अमीरी में मर सके।

12. अवसरवादी : वह व्यक्ति, जो गलती से नदी में गिर पड़े तो नहाना शुरू कर दे।

13. दूसरी शादी : अनुभव पर आशा की विजय।

14. अनुभव : भूतकाल में की गई गलतियों का दूसरा नाम ।

15. कूटनीतिज्ञ : वह व्यक्ति जो किसी स्त्री का जन्मदिन तो याद रखे पर उसकी उम्र कभी नहीं।

16. नयी साड़ी : जिसे पहनकर स्त्री को उतना ही नशा हो जितना पुरुष को शराब की एक पूरी बोतल पीकर होता है।

17. मनोवैज्ञानिक : वह व्यक्ति, जो किसी खूबसूरत लड़की के कमरे में दाखिल होने पर उस लड़की के सिवाय बाकी सबको गौर से देखता है।

18. आशावादी : वह शख्स है जो सिगरेट मांगने पहले अपनी दियासलाई जला ले।

19. राजनेता : ऐसा आदमी जो धनवान से धन और गरीबों से वोट इस वादे पर बटोरता है कि वह एक की दूसरे से रक्षा करेगा।

20. आमदनी : जिसमें रहा न जा सके और जिसके बगैर भी रहा न जा सके।

21. सभ्य व्यवहार : मुंह बन्द करके जम्हाई लेना ।

22. ज्ञानी : वह शख्स जिसे प्रभावी ढंग से, सीधी बात को उलझाना आता है।

23. विशेषज्ञ : वह आदमी है जो कम से कम चीजों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानता है।

24. पड़ोसी : वह महानुभाव जो आपके मामलों को आपसे ज्यादा समझते हैं।

25.नेता : वह शख्स जो अपने देश के लिये आपकी जान की कुर्बानी देने के लिये हमेशा तैयार रहता है।